सर्वनाम किसे कहते हैं (Sarvanam Kise Kahate Hain) जानने के लिए नीचे उदाहरण के साथ पढ़िए और समझिए –
- अजय एक योग्य दुकानदार है।
- वह बाजार जाता है ।
ऊपर लिखे वाक्यों में से पहले वाक्य में ‘अजय’ संज्ञा बोधक है। दूसरे वाक्य में ‘अजय’ के स्थान पर ‘वह’ शब्द का प्रयोग हुआ है। अतः ‘वह’ सर्वनाम शब्द हैं, क्योंकि इनका प्रसंग अजय (संज्ञा) के स्थान पर हुआ है।
Sarvanam Kise Kahate Hain सर्वनाम किसे कहते हैं
सर्वनाम की परिभाषा (Sarvanam Ki Paribhasha) = संज्ञा के बदले प्रयोग होने वाले शब्द को सर्वनाम कहते हैं। जैसे – वह खाना नहीं खा सका। मोहन बीमार था। इस वाक्य में ‘वह’ सर्वनाम है। ‘वह’ संज्ञा (मोहन) के बदले आया है।
सर्वनाम शब्द का अर्थ = सबका नाम। जो शब्द सबका ही नाम बन जाए, उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे-राधा कह सकती है कि मैं विद्यालय गयी। विजय कह सकता है कि मैं विद्यालय गया। शिक्षिका भी कह सकती है कि मैं विद्यालय गयी। अतः ‘मैं’ किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं है इसलिए ‘मैं’ सर्वनाम है। हिन्दी में कुल मिलाकर ग्यारह सर्वनाम है – मैं, तू, आप, यह, वह, सो, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या।
सर्वनाम के भेद (Sarvanam Ke Bhed in Hindi) = प्रयोग के अनुसार सर्वनाम के छह भेद निश्चित किये गये है, जो इस प्रकार है – सर्वनाम के प्रकार (Sarvanam Ke Prakar) निम्नलिखित हैं =
- पुरुषवाचक सर्वनाम
- निजवाचक सर्वनाम
- निश्चयवाचक सर्वनाम
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम
- प्रश्नवाचक सर्वनाम
- संबंधवाचक सर्वनाम
(1) पुरुषवाचक सर्वनाम = जो सर्वनाम, बोलने वाले, सुनने वाले या जिसके विषय में बात कही जाती है, उसके स्थान पर आता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे – मैं, तुम, वह, वे आदि।
पुरुषवाचक सर्वनाम के भेद = पुरुष वाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं।
(1.1) उत्तम पुरुष
(1.2) मध्यम पुरुष
(1.3) अन्य पुरुष
(1.1) उत्तम पुरुष = जिस सर्वनाम को बोलने वाला अपने लिए प्रयोग करता है, उसे उत्तम पुरुष कहते हैं। जैसे – मैं पढ़ता हूँ।
(1.2) मध्यम पुरुष = जिस सर्वनाम का प्रयोग करने वाला, सुनने वाले के लिए करता है, उसे मध्यम पुरुष कहते हैं। जैसे-तुम पढ़ते हो।
(1.3) अन्य पुरुष = जिस सर्वनाम का प्रयोग करने वाले और सुनने वाले से अलग किसी अन्य व्यक्ति या वस्तु के लिए किया जाता है, उसे अन्य पुरुष कहते हैं। जैसे – वह पढ़ता है।
तो इस प्रकार बोलने वाला उत्तम पुरुष, सुनने वाला मध्यम पुरुष और सब (दूरी पर) अन्य पुरुष होते हैं।
(2) निजवाचक सर्वनाम = जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग ‘कर्त्ता’ या ‘अपने लिए’ होता है, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं, जैसे-आप, अपने आप, स्वयं।
(3) निश्चयवाचक सर्वनाम = जिन सर्वनामों से किसी निश्चित वस्तु का बोध होता है, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-यह, ये, वह, वे।
(4) अनिश्चयवाचक सर्वनाम = जिनसे किसी निश्चित वस्तु का बोध न हो, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-कोई, कुछ।
(5) प्रश्नवाचक सर्वनाम = जिनसे किसी प्रश्न का बोध होता है, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-कौन, क्या?
(6) संबंधवाचक सर्वनाम = वे सर्वनामिक शब्द जो एक सर्वनाम का दूसरे सर्वनाम के साथ सम्बन्ध प्रकट करते हैं, उन्हें सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-जो-सो, जिसकी उसकी।
सर्वनाम के सम्बन्ध में कुछ ध्यान देने योग्य बातें :
(1) हिन्दी में सर्वनाम में लिंग भेद नहीं होता है।
(2) सर्वनाम में केवल सात कारक होते हैं।
(3) संज्ञाओं के समान सर्वनामों में भी दो वचन होते हैं – (3A) एकवचन, और (3B) बहुवचन
(4) मैं, हम, तुम, आप के अलावा दूसरे सर्वनाम अन्य पुरुष में ही प्रयुक्त होते हैं।
(5) सर्वनाम का रूपान्तरण वचन और कारक के अनुसार होता है। जैसे- मैं, मुझको, मुझसे, मेरे लिए, मेरा, मेरी, मुझमें, मुझ पर। इस कथन को सर्वनाम शब्दों के रूपों के माध्यम से यहाँ स्पष्ट किया जा रहा है :
सर्वनाम शब्दों की रूप-रचना
मैं (उत्तम पुरुष वाचक शब्द रूप)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्त्ता | मैं, मैंने | हम, हमने, हम लोग, हम लोगों ने |
कर्म | मुझे, मुझको | हमें, हमको, हम लोगों को |
करण | मुझसे, मेरे द्वारा | हमसे, हमारे द्वारा, हम लोगों से |
सम्प्रदान | मुझे, मुझको, मेरे लिए | हमको, हमारे लिए, हम लोगों के लिए |
अपादान | मुझसे | हमसे, हम लोगों से |
सम्बन्ध | मेरा, मेरे, मेरी | हमारा, हमारे, हमारी |
अधिकरण | मुझमें, मुझ पर | हममें, हम पर |
तू (मध्यम पुरुष वाचक शब्द रूप)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्त्ता | तू, तूने | तुम, तुमने, तुम लोग, तुम लोगों ने |
कर्म | तूझे, तुझको | तुम्हें, तुमको, तुम लोगों को |
करण | तुझसे, तेरे द्वारा | तुझसे, तुम्हारे द्वारा, तुम लोगों से |
सम्प्रदान | तुझको, तेरे लिए | तुम्हें, तुम्हारे लिए, तुम लोगों के लिए |
अपादान | तुझसे | तुमसे, तुम लोगों से |
सम्बन्ध | तेरा, तेरे, तेरी | तुम्हारा, तुम्हारे, तुम्हारी |
अधिकरण | तुझमें, तुझ पर | तुममें, तुम पर |
वह (अन्य पुरुषवाचक शब्द रूप)
कारक | एकवचन | बहुवचन |
कर्त्ता | वह, उसने | वे, उन्होंने, वे लोग, उन लोगों ने |
कर्म | उसे, उसको | उन्हें, उनको, उन लोगों को |
करण | उससे, उसके द्वारा | उनसे, उनके द्वारा, उन लोगों के द्वारा |
सम्प्रदान | उसको, उसके लिए | उनको, उनके लिए, उन लोगों के लिए |
अपादान | उससे | उनसे, उन लोगों से |
सम्बन्ध | उसका, उसके, उसकी | उनका, उनके, उनकी, उन लोगों का, के, की |
अधिकरण | उसमें, उस पर | उनमें, उन पर, उन लोगों में, उन लोगों पर |
अन्य सर्वनामों के रूप भी इसी प्रकार बनते हैं।
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