Topiwala aur Bandar Ki Kahani – बच्चों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए टोपीवाला और बंदर की कहानी हिंदी भाषा में (Topiwala aur Bandar Ki Kahani / Cap Seller And Monkey Story in Hindi) कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और बच्चों के लिए। टोपीवाला और बंदर की कहानी हिंदी में पढ़ें और आनंद लें। Read Cap Seller And Monkey Story in Hindi / Topiwala aur Bandar Ki Kahani.
Topiwala aur Bandar Ki Kahani
एक बार, एक टोपी विक्रेता गाँवों और कस्बों के आसपास अपना व्यापार करता था। चिलचिलाती गर्मी के दिन, जब वह मेले के रास्ते में एक विशाल मैदान से होकर गुजर रहा था, तो थकान उस पर हावी हो गई। पास में एक बरगद का पेड़ देखकर, उसने क्षण भर के लिए आराम करने के लिए उसकी छाया के नीचे शरण ली।
थकान के कारण टोपी बेचने वाला गहरी नींद में सो गया, उसे इस बात का एहसास नहीं था कि पेड़ पर रहने वाले शरारती बंदर नीचे आए हैं और उसकी टोकरी से सारी टोपियाँ चुरा कर ले गए हैं। बंदरों ने टोपी विक्रेता को एक खाली टोकरी के साथ छोड़ दिया।
यह दृश्य देखकर स्तब्ध टोपी विक्रेता ने बकबक करने वाले बंदरों को देखा और उसे सारा माजरा समझ में आ गया कि उसके साथ क्या हुआ। अपने माल को पुनः प्राप्त करने के उसके गंभीर प्रयासों के बावजूद, बंदर बहुत चुस्त और चालाक साबित हुए।
बंदरों को अपने कार्यों की नकल करते हुए देखकर, टोपी विक्रेता ने एक चतुर योजना बनाई। उसने अपनी टोपी उतारकर ज़मीन पर फेंक दी। टोपी विक्रेता को इस ढंग से देख कर नकल कर रहे बंदरों ने चुराई हुई टोपियाँ भी जमीन पर फेंक दीं। तेजी से, टोपी विक्रेता ने अवसर का लाभ उठाया, टोपियां इकट्ठी की और उन्हें अपनी टोकरी में रख लिया। विजयी होकर, उसने मेले की अपनी यात्रा जारी रखी।
टोपीवाला और बंदर कहानी की नीति: कठिन परिस्थितियों में बुद्धि काम करती है।
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