Saturday, July 27, 2024
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Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi PDF – हनुमान चालीसा आरती हिंदी में

श्री हनुमान चालीसा हिंदी में लिरिक्स – Shri Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

Hanuman Chalisa हनुमान चालीसा
Hanuman Chalisa Image – हनुमान चालीसा

Hanuman Chalisa हनुमान चालीसा

दोहा:

श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥

|| चौपाई ||

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥
राम दूत अतुलित बल धामा। अञ्जनि पुत्र पवन सुत नामा॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुँचित केसा॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूँज जनेऊ साजै॥
शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग बंदन॥
बिद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा॥
भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे॥
लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥
सहस बदन तुम्हरो यश गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा॥
जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोविद कहि सके कहां ते॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राजपद दीन्हा॥
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना॥
जुग सहस्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लाँघि गए अचरज नाहीं॥
दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना॥
आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महावीर जब नाम सुनावै॥
नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥
सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा॥
और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै॥
चारों युग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा॥
साधु संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस वर दीन जानकी माता॥
राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा॥
तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै॥
अंत काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई॥
और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्व सुख करई॥
संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥
जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥
जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा॥

दोहा

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ॥

This is Shri Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi. (Shree Hanuman Chalisa Hindi Mein) Aarti
यह है श्री हनुमान चालीसा हिंदी में लिखित पाठ / चौपाई / लिरिक्स / आरती। (श्री हनुमान चालीसा संकटमोचन हिंदी में)

Hanuman Chalisa Lyrics Image हनुमान चालीसा

श्री हनुमान चालीसा के बोल हिंदी में अर्थ सहित – Shri Hanuman Chalisa in Hindi Lyrics with Meaning

श्री हनुमान चालीसा हिंदू धर्म में पूजनीय देवता भगवान हनुमान को समर्पित एक भक्ति भजन / पाठ / आरती है। इसमें कवि तुलसीदास द्वारा लिखित 40 चौपाई या छंद शामिल हैं। प्रत्येक श्लोक अपने अर्थ के साथ आता है। यहां हिंदी में हनुमान चालीसा की पंक्ति दर पंक्ति अर्थ सहित दिया गया है:

The Hanuman Chalisa represents a sacred devotional hymn / recitation / aarti that is dedicated to the Lord Hanuman, an esteemed figure within the Hindu faith. Comprising a total of 40 verses, often referred to as “Chaupais,” this composition was written by the renowned poet Tulsidas. Each of these verses is accompanied by its own significance, interpretation, and meaning. Presented here is the Hanuman Chalisa in Hindi, coupled with its corresponding meanings presented line by line:

HANUMAN CHALISA LYRICS IN HINDI WITH MEANINGहनुमान चालीसा हिंदी में अर्थ सहित

|| दोहा ||

श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥

हिंदी अर्थ – गुरुदेव के पादकमलों की धूल से मन के दर्पण को शुद्ध करके रघुवीर के अप्रेम यश का वर्णन करता हूँ, जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के चारों फल को प्रदान करने वाला है।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥

हिंदी अर्थ – हे हनुमान्जी! मैं आपकी आराधना करता हूँ। मुझे ज्ञान और शक्ति दीजिए, क्योंकि मेरा शरीर और बुद्धि कमजोर है। मेरे दुखों और दोषों को नष्ट कर दीजिए।

|| चौपाई ||

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥

हिंदी अर्थ – श्री हनुमान जी! आप विजयी हो। आपका ज्ञान और गुण अत्यंत अद्भुत है। हे कपीश्वर! आपका विजयी हो! तीनों लोकों में, स्वर्ग, भूलोक और पाताल, में आपकी प्रशंसा होती है।

राम दूत अतुलित बल धामा। अञ्जनि पुत्र पवन सुत नामा॥

हिंदी अर्थ – हे वायुपुत्र अंजनी नंदन! आपके समान और कोई शक्तिशाली नहीं है।

महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी॥

हिंदी अर्थ – हे महाबलि बजरंगबली! आप महान पराक्रम वाले हैं। आप बुरी बुद्धि को दूर करते हैं और उन्नत बुद्धि वालों के साथ साथी, सहायक हैं।

कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुँचित केसा॥

हिंदी अर्थ – आप स्वर्णिम वर्ण, सुंदर वस्त्र, कानों में कण-कण में कुंडल, और घुंघराले केशों से सजे हुए हैं।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूँज जनेऊ साजै॥

हिंदी अर्थ – आपके हाथ में वज्र और ध्वज हैं और कंधों पर मूंज की जनेऊ धारण की गई है।

शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग बंदन॥

हिंदी अर्थ – हे शंकर का अवतार! हे केसरिनंदन! आपके वीरता और महान यश की वन्दना और पूजा सम्पूर्ण विश्व में की जाती है।

बिद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर॥

हिंदी अर्थ – आप अत्यंत ज्ञानी हैं, गुणवान और अत्यधिक कौशल से श्रीराम की सेवा करने के इच्छुक रहते हैं।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया॥

हिंदी अर्थ – आप श्रीरामचरित मानस के सुनने में आनंद उत्तेजित करते हैं। श्रीराम, सीता और लक्ष्मण आपके हृदय में निवास करते हैं।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा॥

हिंदी अर्थ – आपने अपने बहुत ही नन्हे रूप से सीता जी के समक्ष प्रकट होकर दिखाया और डरावने रूप में बदलकर लंका को जला डाला।

भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे॥

हिंदी अर्थ – आपने भयानक स्वरूप धारण करके राक्षसों का नाश किया और श्री रामचंद्र जी के प्रयासों को सफलता दिलाई।

लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये॥

हिंदी अर्थ – आपने संजीवनी आयुर्वेदिक औषधि से लक्ष्मण जी को पुनर्जीवित किया, जिससे श्री रघुवीर ने उत्साहित होकर आपको अपने हृदय से लगाया।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥

हिंदी अर्थ – श्री रामचंद्र ने तुम्हारी अत्यधिक सराहना की और बताया कि तुम मेरे प्रिय भाई भरत की तरह प्यारे हो।

सहस बदन तुम्हरो यश गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥

हिंदी अर्थ – श्री राम ने आपके सामने आकर व्यक्त किया कि तुम्हारा यश हजार मुख से प्रशंसा करने योग्य है और तुम्हारी अद्वितीयता की प्रशंसा की।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा॥

हिंदी अर्थ – श्री सनकादि महर्षि, श्री सनातन रिषि, श्री सनन्दन रिषि, श्री सनत्कुमार आदि ऋषि, ब्रह्माजी आदि देवता, नारद मुनि जी, देवी सरस्वती, श्री शेषनाग जी, सब आपके गुणों की महिमा गाते हैं।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोविद कहि सके कहां ते॥

हिंदी अर्थ – यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के पालक, कवि, विद्वान, पंडित, या अन्य कोई भी आपके यश की पूर्णत: वर्णन नहीं कर सकते हैं।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राजपद दीन्हा॥

हिंदी अर्थ – आपने सुग्रीव जी को श्रीराम जी से मिलवाकर महत्वपूर्ण सेवा की, जिससे वे राजा बने।

तुम्हरो मंत्र विभीषण माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना॥

हिंदी अर्थ – आपके उपदेश का विभीषण जी ने पालन किया, जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है।

जुग सहस्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥

हिंदी अर्थ – जो सूर्य इतनी दूरी पर स्थित है कि उसे पहुँचने में हजारों युग लगें, आपने उसे एक मीठे फल के समान समझकर निगल लिया।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लाँघि गए अचरज नाहीं॥

हिंदी अर्थ – आपने श्रीरामचंद्र जी की अंगूठी को मुख में रखकर समुद्र को पार किया, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है।

दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥

हिंदी अर्थ – जब संसार में जितने भी कठिनाईयाँ होती हैं, उन्हें आपकी कृपा से सरल बना दिया जाता है।

राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥

हिंदी अर्थ – श्री रामचंद्र जी के द्वार पर आप ही द्वारपाल हैं, जहाँ आपके आदेश के बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता है, अर्थात आपकी प्रसन्नता के बिना श्रीराम कृपा अत्यधिक दुर्लभ है।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना॥

हिंदी अर्थ – जिन लोगों ने आपकी शरण ली है, उन्हें सब आनंद मिलता है, और आपके रक्षण में होने से उन्हें किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता।

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै॥

हिंदी अर्थ – आपके सिवाय आपके वेग को कोई नहीं रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक कांप उठते हैं।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महावीर जब नाम सुनावै॥

हिंदी अर्थ – जहां भगवान हनुमान जी का नाम उच्चारित होता है, वहां भूत, पिशाच भी डर से काँपते हैं, क्योंकि आपकी कृपा से उनका आपराध नष्ट हो जाता है।

नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा॥

हिंदी अर्थ – हे हनुमान जी! आपके अविरत जप से सभी रोग निवृत्त होते हैं, और सभी दुखों का नाश होता है।

संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥

हिंदी अर्थ – हे हनुमान जी! जिनका विचार, कर्म और बोलने में ध्यान आपमें रहता है, उनको आप सभी संकटों से मुक्ति दिलाते हैं।

सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा॥

हिंदी अर्थ – तपस्वी राजा श्री रामचंद्र जी सर्वोत्तम हैं, उनके सभी कार्यों को आपने बिना किसी परेशानी के सम्पन्न किया है।

और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै॥

हिंदी अर्थ – जिस पर आपकी कृपा विशेष हो, उसकी कोई भी मांग पूरी होती है, और उसका प्राप्त फल अत्यंत अद्वितीय होता है जिसकी कोई सीमा नहीं होती।

चारों युग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा॥

हिंदी अर्थ – सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलियुग में आपके यश की महत्वपूर्ण गाथा है, आपकी महिमा सम्पूर्ण जगत में प्रकाशित होती है।

साधु संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे॥

हिंदी अर्थ – हे श्रीरामचंद्र के प्रियजन! आप धर्मिक लोगों की सुरक्षा करते हैं और दुष्टों का नाश करते हैं।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस वर दीन जानकी माता॥

हिंदी अर्थ – आपको माता जानकी की कृपा से ऐसा वरदान प्राप्त हुआ है, जिससे आप किसी भी व्यक्ति को आठ सिद्धियाँ और नौ निधियाँ प्रदान कर सकते हैं।

राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा॥

हिंदी अर्थ – आप निरंतर श्रीरामचंद्र जी की शरण में रहते हैं, जिससे आपके पास बुढ़ापे और दुर्भाग्यवश आए रोगों के नाश के लिए श्रीराम नाम एक अमृत औषधि है।

तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै॥

हिंदी अर्थ – आपका भजन करने से श्रीरामचंद्र जी की प्राप्ति होती है, और जन्म-जन्मांतर के सभी दुःख दूर होते हैं।

अंत काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई॥

हिंदी अर्थ – अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते है और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलायेंगे।

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्व सुख करई॥

हिंदी अर्थ – हे हनुमान जी! आपकी सेवा करने से सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं, फिर अन्य किसी देवता की आवश्यकता नहीं रहती।

संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥

हिंदी अर्थ – हे वीर हनुमान जी! जो आपका स्मरण करता रहता है, उसके सभी संकट कट जाते हैं और सभी दुखों का अवसान होता है।

जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥

हिंदी अर्थ – हे स्वामी हनुमान जी! आपकी जय हो, जय हो, जय हो! आप मेरे परम करुणासागर श्री गुरु जी की तरह कृपा करें।

जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई॥

हिंदी अर्थ – जिन व्यक्तियों ने इस हनुमान चालीसा को सौ बार पढ़ा है, वे सभी बंधनों से मुक्त हो जाएंगे और उन्हें अद्वितीय आनंद प्राप्त होगा।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा॥

हिंदी अर्थ – ईश्वर शंकर ने यह हनुमान चालीसा रचना की, इसलिए वे प्रमाणिकता से स्थित हैं कि जो इसे पढ़ेगा, वह अवश्य ही सफलता प्राप्त करेगा।

तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा॥

हिंदी अर्थ – हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास ने सदैव श्रीराम की भक्ति की है, इसलिए कृपया आप उसके मन में आवास करें।

|| दोहा ||

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ॥

हिंदी अर्थ – हे पवनकुमार! संकट मोचन! आप आनंद और मंगल के स्वरूप हो। हे देवराज! आपका वास मेरे हृदय में श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के साथ हमेशा बना रहे।

हनुमान चालीसा संकटमोचन पीडीऍफ़

Here is Hanuman Chalisa PDF File – हनुमान चालीसा हिंदी में pdf

तो यह है असली हनुमान चालीसा आरती हिंदी में ताकि सभी भक्त गण कही भी किसी भी वक़्त ऑनलाइन हनुमान चालीसा पाठ कर सके। हनुमान चालीसा लिखित में लिरिक्स दिया गया है। So this is the original Hanuman Chalisa Aarti in Hindi so that all the devotees can recite Hanuman Chalisa online any time anywhere. Lyrics are given in written Hanuman Chalisa in Hindi language with meanings.

श्री हनुमान चालीसा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions Related To Shree Hanuman Chalisa

प्रश्न 1 – हनुमान चालीसा किसने लिखी?
उत्तर – हनुमान चालीसा भारतीय कवि तुलसीदास द्वारा लिखी गई थी।

Question 1 – Who wrote hanuman chalisa ?
Answer – The Hanuman Chalisa was written by the Indian poet Tulsidas.

प्रश्न 2 – हनुमान चालीसा कब लिखी गई थी?
उत्तर – इसकी रचना का सटीक वर्ष निश्चित रूप से ज्ञात नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसे 15वीं शताब्दी के अंत और 16वीं शताब्दी की शुरुआत के बीच लिखा गया था।

Question 2 – when was hanuman chalisa written ?
Answer – The exact year of its composition is not known with certainty, but it is believed to have been written between the late 15th and early 16th centuries.

प्रश्न 3 – किस समय करें हनुमान चालीसा का पाठ की मिले उत्तम फल?
उत्तर – हनुमान चालीसा का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, किन्तु कुछ विशेष समयों में उसके पाठ का विशेष महत्व होता है और उत्तम फल मिलता है। मंगलवार और शनिवार को सूर्योदय के पहले हनुमान चालीसा का पाठ करने से अधिक फल मिल सकता है। यह अवश्य ध्यान देने योग्य है कि हनुमान चालीसा का पाठ विश्वास और श्रद्धा के साथ किया जाना चाहिए।

Question 3 – At what time should we recite Hanuman Chalisa to get the best results?
Answer – Hanuman Chalisa can be recited at any time, but its recitation at certain times has special importance, and the best results are obtained. Reciting Hanuman Chalisa before sunrise on Tuesday and Saturday can give more results. It must be noted that the recitation of Hanuman Chalisa should be done with faith and devotion.

अगर हनुमान चालीसा के शक्ति देखना चाहते हैं तो,सुबह उठकर ऐसे पढ़ ले हनुमान चालीसा और देखें चमत्कार। If you want to see the power of Hanuman Chalisa, then wake up in the morning and read Shri Hanuman Chalisa ji like this and see the miracle.

This is our full article on Shri Hanuman Chalisa Hindi Lyrics for readers.

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