Saturday, December 21, 2024
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Krishna Chalisa कृष्ण चालीसा – Lyrics in Hindi, PDF, Meaning, Image

Krishna Chalisa कृष्ण चालीसा – Today in this article, we are going to share Krishna Chalisa in Hindi lyrics with meaning. आज इस लेख में, हम कृष्ण चालीसा को हिंदी में अर्थ सहित साझा करने जा रहे हैं। Here is Krishna Chalisa कृष्ण चालीसा – Lyrics in Hindi, PDF, Meaning, Image.

Krishna Chalisa | meaningfulhindi
Krishna Chalisa कृष्ण चालीसा

॥ दोहा ॥

बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम।
अरुणअधरजनु बिम्बफल, नयनकमलअभिराम॥

पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज।
जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज॥

॥ चौपाई ॥

जय यदुनंदन जय जगवंदन।
जय वसुदेव देवकी नन्दन॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।
जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥

जय नट-नागर, नाग नथइया॥
कृष्ण कन्हइया धेनु चरइया॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो।
आओ दीनन कष्ट निवारो॥

वंशी मधुर अधर धरि टेरौ।
होवे पूर्ण विनय यह मेरौ॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो।
आज लाज भारत की राखो॥

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।
मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥

राजित राजिव नयन विशाला।
मोर मुकुट वैजन्तीमाला॥

कुंडल श्रवण, पीत पट आछे।
कटि किंकिणी काछनी काछे॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे।
छबि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले।
आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥

करि पय पान, पूतनहि तार्‌यो।
अका बका कागासुर मार्‌यो॥

मधुवन जलत अगिन जब ज्वाला।
भै शीतल लखतहिं नंदलाला॥

सुरपति जब ब्रज चढ़्‌यो रिसाई।
मूसर धार वारि वर्षाई॥

लगत लगत व्रज चहन बहायो।
गोवर्धन नख धारि बचायो॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई।
मुख मंह चौदह भुवन दिखाई॥

दुष्ट कंस अति उधम मचायो॥
कोटि कमल जब फूल मंगायो॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें।
चरण चिह्न दै निर्भय कीन्हें॥

करि गोपिन संग रास विलासा।
सबकी पूरण करी अभिलाषा॥

केतिक महा असुर संहार्‌यो।
कंसहि केस पकड़ि दै मार्‌यो॥

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई।
उग्रसेन कहं राज दिलाई॥

महि से मृतक छहों सुत लायो।
मातु देवकी शोक मिटायो॥

भौमासुर मुर दैत्य संहारी।
लाये षट दश सहसकुमारी॥

दै भीमहिं तृण चीर सहारा।
जरासिंधु राक्षस कहं मारा॥

असुर बकासुर आदिक मार्‌यो।
भक्तन के तब कष्ट निवार्‌यो॥

दीन सुदामा के दुख टार्‌यो।
तंदुल तीन मूंठ मुख डार्‌यो॥

प्रेम के साग विदुर घर मांगे।
दुर्योधन के मेवा त्यागे॥

लखी प्रेम की महिमा भारी।
ऐसे श्याम दीन हितकारी॥

भारत के पारथ रथ हांके।
लिये चक्र कर नहिं बल थाके॥

निज गीता के ज्ञान सुनाए।
भक्तन हृदय सुधा वर्षाए॥

मीरा थी ऐसी मतवाली।
विष पी गई बजाकर ताली॥

राना भेजा सांप पिटारी।
शालीग्राम बने बनवारी॥

निज माया तुम विधिहिं दिखायो।
उर ते संशय सकल मिटायो॥

तब शत निन्दा करि तत्काला।
जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।
दीनानाथ लाज अब जाई॥

तुरतहि वसन बने नंदलाला।
बढ़े चीर भै अरि मुंह काला॥

अस अनाथ के नाथ कन्हइया।
डूबत भंवर बचावइ नइया॥

‘सुन्दरदास’ आस उर धारी।
दया दृष्टि कीजै बनवारी॥

नाथ सकल मम कुमति निवारो।
क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै।
बोलो कृष्ण कन्हइया की जै॥

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का, पाठ करै उर धारि।
अष्ट सिद्धि नवनिधि फल, लहै पदारथ चारि॥

Krishna Chalisa Full HD Image कृष्ण चालीसा

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कृष्ण चालीसा के बारे में जानकारी –

कृष्ण चालीसा एक भक्ति प्रार्थना है जो हिंदू धर्म में सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक, भगवान श्री कृष्ण जी को समर्पित है। कृष्ण चालीसा में भगवान कृष्ण की प्रशंसा करते हैं और उनके दिव्य गुणों, कारनामों और शिक्षाओं का वर्णन करते हैं। हमारे आज के विषय “कृष्ण चालीसा” के महत्व पर प्रकाश डालने वाले कुछ प्रमुख पहलू इस प्रकार है जैसे कि “आध्यात्मिक विकास और ज्ञान प्राप्त के लिए”, “अपने प्रेम, भक्ति और श्रद्धा को व्यक्त करने के लिए”, “भगवान कृष्ण के दिव्य कार्यों और ज्ञान को याद रखने के लिए”। इनके साथ साथ आप “भक्ति और धार्मिकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए” और “भगवान कृष्ण का आशीर्वाद और सुरक्षा प्राप्त के लिए” भी आप श्री कृष्ण चालीसा का जाप करके भगवन कृष्णा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है।

Information About Krishna Chalisa –

Krishna Chalisa is a devotional prayer dedicated to Lord Krishna, one of the most revered deities in Hinduism. In Krishna Chalisa, people praise Lord Krishna and describe his divine qualities, exploits, and teachings. Some of the major aspects that throw light on the importance of our today’s topic “Krishna Chalisa” are as follows such as “For spiritual development and gaining knowledge”, “To express your love, devotion and reverence”, “To worship Lord Krishna”, To remember divine works and wisdom”. Along with these, you can also seek the blessings of Lord Krishna by chanting Shri Krishna Chalisa “to promote the spirit of devotion and religiosity” and “to obtain the blessings and protection of Lord Krishna”.

Krishna Chalisa PDF – कृष्ण चालीसा पीडीएफ

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