Wednesday, December 18, 2024
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Bhav Vachak Sangya भाववाचक संज्ञा – परिभाषा, उदाहरण, भेद, प्रकार

इस लेख में बताया गया है कि भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं (Bhav Vachak Sangya Kise Kehte Hai), भाववाचक संज्ञा की परिभाषा (Bhav Vachak Sangya Ki Paribhasha), भाववाचक संज्ञा के कितने भेद हैं (Bhav Vachak Sangya Ke Kitne Bhed Hai), भाववाचक संज्ञा के प्रकार (Types of Bhav Vachak Sangya), भाववाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya Ke Udaharan और Bhav Vachak Sangya Examples in Hindi) और भाववाचक संज्ञा बनाना (Bhav Vachak Sangya Banana in Hindi) के बारे में।

Bhav Vachak Sangya भाववाचक संज्ञा को पढ़ने से पहले जाने संज्ञा के बारे में पूरी जानकारी क्योकि यह भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) खुद संज्ञा (Sangya) का एक भेद है।

Bhav Vachak Sangya Kise Kahate Hain भाववाचक संज्ञा – परिभाषा, उदाहरण, भेद, प्रकार

Bhav Vachak Sangya

भाववाचक संज्ञा की परिभाषा (Bhav Vachak Sangya Ki Paribhasha) = जिससे व्यक्ति या पदार्थों के गुण, भाव, दशा आदि का बोध होता है, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। भाववाचक संज्ञाएँ अर्थवान होती है। जातिवाचक संज्ञाओं की तरह इनसे भी किसी न किसी धर्म का बोध होता है। इसमें धर्म, गुण और भाव समानार्थी है। भाववाचक संज्ञा शब्द की पहचान शब्दों के अन्त में प्रयुक्त प्रत्ययों के द्वारा भी की जा सकती है। भाववाचक संज्ञा बनाने में प्राय: निम्नलिखित प्रत्यय जुड़ते है – जैसे ई, त्व, ता, पन, इट, त्व, आवत, हट, आव, आस, यत, य, आई, वट, पा, क, न्त इत्यादि के योग से इत्यादि। जैसे – लड़ाई, ममत्व, मानवता, बालपन, घबराहट, ठंडक, बहाव, मिठास, गढ़न्त आदि।

भाववाचक संज्ञा की रचना होती है –

  1. जातिवाचक संज्ञा से
  2. विशेषण शब्दों से
  3. क्रिया से
  4. सर्वनाम से
  5. अव्यय शब्दों से

भाववाचक संज्ञा बनाना (Bhav Vachak Sangya Banana in Hindi)

(1.) जातिवाचक संज्ञा शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाना (Jati Vachak Sangya Se Bhavvachak Sangya Banana)

जातिवाचक संज्ञा शब्दों से भाववाचक संज्ञा शब्दों की रचना की जा सकती है। जातिवाचक संज्ञा शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़कर भाव वाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण किया जा सकता है। जैसे कि जातिवाचक संज्ञा + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा

जातिवाचक संज्ञा + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा

मित्र + ता = मित्रता
साधु + ता = साधुता
देव + ता = देवता
मुर्ख + ता = मूर्खता
पशु + त्व = पशुत्व
नेता + त्व = नेतृत्व
पुरुष + त्व = पुरुषत्व
स्त्रीत्व + त्व = स्त्रीत्व
गुरु + त्व = गुरुत्व
बच्चा + पन = बचपन
बालक + पन = बालकपन
लड़का + पन = लड़कपन
चोर + ई = चोरी
प्रभु + ता = प्रभुता
युवा + अन = यौवन
पुरुष + अ = पौरुष
बूढ़ा + आपा = भुढ़ापा

(2.) विशेषण से भाववाचक संज्ञा शब्द बनाना (Visheshan Se Bhavvachak Sangya Banana)

विशेषण शब्दों से भी भाववाचक संज्ञा शब्दों की रचना की जा सकती है। विशेषण शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा शब्द बना सकते हैं। जैसे कि विशेषण + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा

विशेषण + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा

गुरु + त्व = गुरुत्व
एक + त्व = एकत्व
दूर + ई = दूरी
बड़ा + आई = बड़ाई
अच्छा + आई = अच्छाई
बुरा + आई = बुराई
ऊँचा + आई = ऊंचाई
छोटा + पन = छुटपन
बड़ा + पन = बड़प्पन
अपना + पन = अपनापन
काला + पन = कालापन
तीक्ष्ण + ता = तीक्ष्णता
अनिवार्य + ता = अनिवार्यता
सुंदर + ता = सुंदरता
नीच + ता = नीचता
दुर्बल + ता = दुर्बलता
स्वाधीन + ता = स्वाधीनता
सुंदर + य = सौंदर्य
दुष्ट + ता = दुष्टता
संपन्न + ता = सम्पन्नता
शीघ्र + ता = शीघ्रता
एक + ता = एकता
निपुण + ता = निपुणता
मीठा + आस = मिठास

(3.) क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना (Kriya Se Bhav Vachak Sangya Banana)

क्रिया से भाववाचक संज्ञा शब्दों की रचना की जा सकती है। क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए क्रिया शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़ दिया जाता है। जैसे क्रिया + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा

क्रिया + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा

घबरा (ना) + आहट = घबराहट
मिल (ना) + आवट = मिलावट
थक (ना) + आवट = थकावट
बुला (ना) = आवा = बुलावा
लिख (ना) + आवट = लिखावट
दिख (ना) + आवट = दिखावट
थक (ना) + आवट = थकावट
मिल (ना) + आप = मिलाप
कमा (ना) + आई = कमाई
लड़ (ना) + आई = लड़ाई
पढ़ (ना) + आई = पढ़ाई
ठहर (ना) + आव = ठहराव
चढ़ (ना) + आव = चढ़ाव
फैल (ना) + आव = फैलाव
चढ़ (ना) + आई = चढ़ाई
काट (ना) + आई = कटाई

(4.) सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना (Sarvanam Se Bhavvachak Sangya Banana)

सर्वनाम शब्दों से भी भाववाचक संज्ञा शब्दों की रचना की जा सकती है। सर्वनाम शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़कर भाववाचक संज्ञा शब्द बनाए जा सकते हैं।

सर्वनाम + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा

मम + ता = ममता
निज + त्व = निजत्व
मम + त्व = ममत्व
निज + त्व = निजत्व
अपना + त्व = अपनत्व
स्व + त्व = स्वत्व
आप + आ = आपा
अपना + पन = अपनापन
पराया + पन = परायापन
अहम् + कार = अहंकार
सर्व + स्व = सर्वस्व

(5.) अव्यय शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाना (Avyay Shabdon Se Bhavvachak Sangya banana)

अव्यय शब्दों से भाववाचक संज्ञा शब्दों की रचना की जा सकती है। अव्यय शब्दों के साथ प्रत्यय को जोड़कर अव्यय शब्दों से भाववाचक संज्ञा की रचना की जाती है। जैसे अव्यय + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा

अव्यय + प्रत्यय = भाववाचक संज्ञा

दूर + ई = दूरी
देर + ई = देरी
नजदीक + ई = नजदीकी
ऊपर + ई = ऊपरी
समीप + ता = समीपता
शीघ्र + ता = शीघ्रता
निकट + ता = निकटता

भाववाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya Ke Udaharan)

  1. निब्बा निब्बी से बहुत प्रेम करता है।
  2. गर्मियों के मौसम में बहुत थकावट होने लगती है।
  3. राम और श्याम की दोस्ती पूरे शहर में प्रसिद्ध है।
  4. कोयल की आवाज में बहुत मिठास होती है।
  5. सीता पढ़ाई में बहुत तेज है।
  6. सोहन को बहुत गुस्सा आता है।
  7. राजेश चापलूस लड़का है।
  8. सूर्यकुमार बचपन से ही अच्छा खेलता था।

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