Monday, April 29, 2024
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Ling Kise Kahate Hain लिंग किसे कहते हैं – परिभाषा, भेद, पहचान, उदाहरण, लिंग निर्णय

इस लेख में, हिंदी में लिंग व्याकरण के बारे में प्रत्येक जानकारी पढ़ें। लिंग की परिभाषा, लिंग के भेद, लिंग के प्रकार, लिंग की पहचान, लिंग के उदाहरण, लिंग निर्णय के बारे में पढ़ें। Read each and every information regarding ling grammar in Hindi.

Ling Kise Kahate Hain लिंग किसे कहते हैं

ling

लिंग की परिभाषा (Ling Ki Paribhasha) = शब्द के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वह पुरुष जाति का है अथवा स्त्री-जाति का, उसे लिंग (Ling) कहते हैं।

लिंग के प्रकार (Ling Ke Prakar) = हिन्दी में दो लिंग होते हैं।

  1. पुल्लिंग = पुरुषत्व का बोध कराने वाले शब्द पुल्लिंग कहलाते हैं, जैसे-लड़का, मनुष्य, घोड़ा, देश।
  2. स्त्रीलिंग = स्त्रीत्व का बोध कराने वाले शब्द स्त्रीलिंग कहलाते हैं, जैसे-लड़की, देवी, घोड़ी, गायिका।

लिंग भेद सम्बन्धी नियम = हिन्दी में तीन प्रकार के शब्द हैं। पहले जो शारीरिक रूप से पुरुष जाति के हैं। दूसरे जो, शारीरिक लक्षणों से ही स्त्री जाति के हैं। तीसरे, जिनमें पुरुष या स्त्री जैसा कुछ नहीं है। जैसे-पहाड़, नदी, कंकड़, पुस्तक, कलम आदि।

प्राणिवाचक संज्ञाओं का लिंग-निर्णय = सामान्यतः पुरुषत्व का बोध कराने वाली संज्ञाएँ पुल्लिंग कहलाती हैं तथा स्त्रीत्व का बोध कराने वाली संज्ञाएँ ‘स्त्रीलिंग’ कहलाती हैं। किन्तु कुछ संज्ञाएँ नित्य पुल्लिंग के रूप में प्रचलित हैं तथा कुछ संज्ञाएँ नित्य स्त्रीलिंग के रूप में प्रचलित हैं।
यथा –

नित्य पुल्लिंग शब्द = उल्लू, कीड़ा, तोता, खरगोश, कौआ, गैंडा, खटमल, पक्षी, भेड़िया, मच्छर, चीता, गीदड़, कौआ आदि पशु।

नित्य स्त्रीलिंग शब्द = संतान, सवारी, मछली, मक्खी, मकड़ी, मैना, लोमड़ी, गिलहरी, कोयल, भेड़, बुलबुल, छिपकली, तितली।

उभयलिंगी शब्द = कुछ शब्द पुल्लिंग और स्त्रीलिंग दोनों रूपों में प्रचलित हैं। यदि वे स्त्रीलिंग के लिए प्रयुक्त हों तो स्त्रीलिंग कहलाते हैं। तथा पुरुष के लिए प्रयुक्त हो तो पुल्लिंग कहलाते हैं, जैसे –
राजदूत, डॉक्टर, मंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, अध्यक्ष, मैनेजर, प्रोफेसर, सचिव, सभापति, निदेशक। उभयलिंगी शब्दों में लिंग की पहचान क्रिया से होती है, जैसे – डॉक्टर आ चुके हैं। डॉक्टर आ चुकी हैं।

पुल्लिंग

  1. देशों के नाम = प्रायः पुल्लिंग होते हैं, जैसे – चीन, जापान, भारत, पाकिस्तान, अमेरिका, इंग्लैण्ड आदि।
  2. पर्वतों के नाम = हिमालय, कैलाश, हिंदुकुश, अरावली, सह्याद्रि, आदि।
  3. अनाजों के नाम = गेहूँ, चावल, बाजरा, चना, जौ, आटा आदि (अपवाद-मक्का, सरसों, अरहर)
  4. पेड़ों के नाम = पीपल, बड़, आम, जामुन, नीम, गुलमोहर, सफेदा आदि। (अपवाद-चंपा + बेकाइन)
  5. धातुओं के नाम = सोना, पीतल, ताँबा, लोहा आदि। (अपवाद- चाँदी)
  6. ग्रहों के नाम = मंगल, शनि, चन्द्र, सूर्य, तारा, ध्रुव, आदि। (अपवाद-पृथ्वी)

स्त्रीलिंग

  1. ईकारांत शब्द = प्राय: स्त्रीलिंग होते हैं, जैसे – नदी, रोटी, टोपी, उदासी, बोली, चिट्ठी, पत्री, लेखनी, पोथी आदि। (अपवाद – दही, घी, पानी, मोती)
  2. भाषाओं के नाम = प्रायः स्त्रीलिंग होते हैं, जैसे – मराठी, गुजराती, मद्रासी, हिन्दी, अंग्रेजी, कश्मीरी, असमिया आदि।
  3. लिपियों के नाम = देवनागरी, रोम, ब्राह्मी, शारदा आदि।
  4. नदियों के नाम = रावी, गंगा, कावेरी, कृष्णा, गोदावरी, चम्बल आदि।

लिंग परिवर्तन Ling Parivartan

1 – ‘आ’ प्रत्यय जोड़ने से लिंग परिवर्तन

छात्रछात्रा
पूज्यपूज्या
अनुजअनुजा
सुतसुता
भवदीयभवदीया
वृद्धवृद्धा
शिष्यशिष्या
कांतकांता
आचार्यआचार्या
शूद्रशूद्रा

2 – ‘ई’ प्रयत्न के योग से (अ, आ, का ‘ई’ होना)

बकराबकरी
पहाड़पहाड़ी
बेटाबेटी
पुत्रपुत्री
लड़कालड़की
रस्सारस्सी
मामामामी
ब्राह्मणब्राह्मणी
गधागधी
चाचाचाची
सालासाली
दासदासी
देवदेवी
कबूतरकबूतरी
घोड़ाघोड़ी
सूअरसूअरनी

3 – ‘इया’ प्रत्यय के योग से (आ का इया होना)

गुड्डागुड़िया
बूढ़ाबुढ़िया
लोटालुटिया
बछड़ाबछिया
बेटाबिटिया
कुत्ताकुतिया
बंदरबंदरिया
चिड़ाचिड़िया
डिब्बाडिबिया
चूहाचूहिया

4 – इन प्रत्यय के योग से (आ, ई, का इन होना)

धोबीधोबिन
मालिकमालकिन
कहारकहारिन
जुलाहाजुलाहिन
मालीमालिन
तेलीतेलिन
दर्जीदर्जिन
नातीनातिन
बाघबाघिन
चमारचमारिन
भंगीभंगिन
पापीपापिन

5 – ‘नी’ प्रत्यय के योग से (अ का अनी होना)

मोरमोरनी
शेरशेरनी
ऊँटऊँटनी
सिंहसिंहनी
भाटभाटनी
भीलभीलनी
राजपूतराजपूतनी
जाटजाटनी

6 – इनी प्रयत्न के योग से (अ, इ का इनी होना)

यशस्वीयशस्विनी
तपस्वीतपस्विनी
हाथीहथिनी
हितकारीहितकारिणी
हंसहंसिनी
मनोहारीमनोहारणी
अभिमानीअभिमानिनी
गृहस्वामीगृहस्वामिनी
एकाकीएकाकिनी

7 – ‘आनी’ प्रत्यय के योग से (अ का आनी या आणी होना)

हिन्दुहिन्दुआनी
जेठजेठानी
देवरदेवरानी
चौधरीचौधरानी
सेठसेठानी
रुद्ररुद्राणी
राक्षसराक्षसानी
नौकरनौकरानी
इंद्रइंद्राणी
मेहतरमेहतरानी

8 – ‘आइन’ प्रत्यय के योग से (अ, आ, ऊ, ए का आइन होना)

ठाकुरठकुराइन
बाबूबबुआइन
ओझाओझाइन
बनियाबनियाइन
दूबेदुबाइन
लालालालाइन
चौबेचौबाइन

9 – ‘इक’ को ‘इका’ करने से

लेखकलेखिका
गायकगायिका
अध्यापकअध्यापिका
नायकनायिका
सेवकसेविका
बालकबालिका
पुस्तकपुस्तिका
संयोजकसंयोजिका
परिचायकपरिचायिका
दर्शकदर्शिका

10 – ‘ता’ को ‘त्री’ करने से

अभिनेताअभिनेत्री
नेतानेत्री
दातादात्री
विधाताविधात्री
धाताधात्री
वक्तावक्त्री
कर्ताकर्त्री

11 – ‘मान’ को ‘मती’ तथा ‘वान’ को ‘वती’ करने से

श्रीमान्श्रीमती
गुणवान्गुणवती
बुद्धिमानबुद्धिमति
ज्ञानवान्ज्ञानवती
धनवान्धनवती
सत्यवान्सत्यवती
रूपवान्रूपवती
बलवान्बलवती
भगवान्भगवती
आयुष्मान्आयुष्मती
शक्तिमान्शक्तिमती
पुत्रवान्पुत्रवती

12 – नित्य स्त्रीलिंग शब्दों के साथ ‘नर’ जोड़ने से

गिलहरीनर गिलहरी
छिपकलीनर छिपकली
कोयलनर कोयल
मक्खीनर मक्खी

13 – नित्य पुल्लिंग शब्दों के साथ’ ‘मादा’ जोड़ने से

भेड़ियामादा भेड़िया
मगरमच्छमादा मगरमच्छ
भालूमादा भालू
खरगोशमादा खरगोश
गैंडामादा गैंडा

14 – भिन्न शब्दों वाले लिंग-युग्म

राजारानी
पतिपत्नी
पितामाता
पुरुषस्त्री
युवकयुवती
बुआफूफा
भाईभावज, बहन
गायबैल
वरवधू
नरमादा/नारी
कविकवयित्री
मेंढ़ाभेड़
बेटाबहू
अभिनेताअभिनेत्री
मियाँबीबी
नपुंसकबाँझ
पुत्रपतोहू (पुत्रवधू)
विद्वान्विदुषी

स्त्रीलिंग से पुल्लिंग निर्माण

हिन्दी में कुछ शब्द ऐसे हैं, जिनमें स्त्रीलिंग मूल शब्द होता है। उसी में पुल्लिंग वाची प्रत्यय लगाकर या कुछ परिवर्तन कर पुल्लिंग शब्द बना दिया जाता है, उदाहरण –

स्त्रीलिंगपुल्लिंग
चाचीचाचा
भाभीभाई
बहनबहनोई
मौसीमौसा
जीजीजीजा
ननदननदोई
बुआफूफा
सासससुर

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