Sunday, October 13, 2024
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Nijvachak Sarvanam निजवाचक सर्वनाम परिभाषा, भेद, उदाहरण

निजवाचक सर्वनाम की परिभाषा (Nijvachak Sarvanam Ki Paribhasha) = निजवाचक सर्वनाम का रूप ‘आप’ है। आप का प्रयोग पुरूष सर्वनाम के रूप में एकवचन में होता है, परन्तु वहाँ वह मात्र आदरभाव प्रदर्शित करने के लिए होता है – जैसे –

  1. मैं अपने घर गया। – इस उदाहरण मे ‘अपने’ निजवाचक सर्वनाम है।
  2. आप आयें। – इस उदाहरण मे ‘आप’ निजवाचक सर्वनाम है।
  3. आप बैठे। – इस उदाहरण मे आप निजवाचक सर्वनाम है।
  4. आप जायें। – इस उदाहरण मे आप निजवाचक सर्वनाम है।

निजवाचक ‘आप’ एक ही तरह दोनों वचनों में आता है और तीनों पुरूषों में इसका प्रयोग किया जा सकता है।

Nijvachak Sarvanam निजवाचक सर्वनाम

Nijvachak Sarvanam

निजवाचक सर्वनाम (Nijvachak Sarvanam) ‘आप’ का प्रयोग हम निम्नांकित अर्थों में देख सकते है –

1) निजवाचक ‘आप’ का प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम के लिए होता है जैसे मैं आप वहीं से आया हूँ। मैं आप वही कार्य कर रहा हूँ।

2) निजवाचक ‘आप’ का प्रयोग किसी दूसरे व्यक्ति के निराकरण के लिए भी होता है। वह मुझे नहीं अपने को मार रहा है। मुझे रूकने को कहा और आप चलते बने। वह अपने को सुधार रहा है। उसने मुझे जाने को कहा और आप चलने का विचार करने लगे।

3) सर्वसाधारण के अर्थ में भी ‘आप’ का प्रयोग होता है। जैसे –
– आप भला तो जग भला ।
– अपने से बलशाली के साथ वैर न करों ।
– अपने से बड़ों का सम्मान करो।

4) आप का एक रूप आपस भी है। इसका प्रयोग संबंध कारक और अधिकरण कारक में परिलक्षित होता है । जैसे –

संबंध कारक

– कलाकारों की आपस की बातचीत
– राज्यों के आपस के रिश्ते
– उनका आपस का मामला

अधिकरण कारक

– बच्चे आपस में झगड़ते हैं।
– लड़के आपस में बातचीत करते हैं।
– वे आपस में लड़ते हैं।

5) आप से बने अपना, अपनी और अपने की द्विरूक्ति भी होती है। इसका प्रयोग प्रत्येकता के अर्थ में होता है।
जैसे –

– अपना-अपना काम करो।
– अपनी, अपनी, जगह बैठो।
– अपने, अपने घर जाओ।

6) काव्यों में भी अपना की जगह निज शब्द का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग दो रूपों में होता है। 1. संबंध कारक में 2. विशेषण के रूप में

संबंध कारक में

– निज का घर।
– निज का भाई।
– निज का नौकर।

विशेषण के रूप में

– निज देश का अभिमान हो।
– वर्णाश्रम निजधरम हित, निरत वेद पथ लोग।
– जिसको नहीं निज देश और जाति का अभिमान है।

निजवाचक आपकी कारकीय रचना

कारकएकवचन
कर्ता आप
कर्म, सम्प्रदानआप को, अपने को
करण, अपादानअपने से, आपसे
संबंधअपना, अपने, अपनी
अधिकरणअपने में, आप में

आदर सूचक आपकी कारकीय रचना

कारकएकवचनबहुवचन
कर्ताआप, आपनेआपलोग, आपसब, आपलोगोंने
कर्म, सम्प्रदानआप को, आप के लिएआपलोगों को, आपलोगों के लिए, आपसबों को, आपसबके लिए
करण, अपादानआपलोगों काआपलोगो से, आपसबसे
संबंधआपका, आपके, आपकीआपलोगों का, आपलोगों के, आपलोगों की, आप सबका, आप सबके, आप सब की

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