आज हम बात करने वाले हैं भारतीय व्यवसायी, इंजीनियर, परोपकारी, इंडियन बिज़नेस टायकून, इन्वेस्टर और समाजसेवी अज़ीम हाशिम प्रेमजी (Azim Hashim Premji) के बारे में। मैं आपके साथ अज़ीम प्रेमजी के बारे में उनकी जीवनी (biography), उम्र (age), राष्ट्रीयता (nationality), विकी (wiki), मूल (origin), परिवार (family), माता-पिता (parents) और उनसे जुड़ी हर चीज जैसी सभी जानकारी साझा करने जा रहा हूं।
Azim Premji Biography in Hindi – अज़ीम प्रेमजी का जीवन परिचय
अज़ीम प्रेमजी विप्रो लिमिटेड के अध्यक्ष थे। उन्हें अनौपचारिक रूप से भारतीय आईटी उद्योग के बादशाह के रूप में जाना जाता है। वह भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। वर्ष 1999 से लेकर 2005 तक भारत के सबसे धनी व्यक्ति भी थे। अज़ीम प्रेमजी एक समाजसेवी इंसान है और अपने धन का आधे से ज्यादा हिस्सा दान कर देते है। एशियावीक (Asiaweek) ने अज़ीम प्रेमजी को वर्ष 2010 में दुनिया के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया। टाइमस मैगजीन (Times Magazine) ने भी अज़ीम प्रेमजी को दो बार दुनिया के top hundred प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया। Forbes ने अज़ीम प्रेमजी को दुनिया के सबसे अमीर लोगो की सूचि में शामिल किया और इन्हे भारत के बिल गेट्स (Bill Gates) का खिताब दिया। अज़ीम प्रेमजी ने अपने नेतृत्व में विप्रो को नई ऊंचाइया दी और कंपनी का कारोबार $2.5 मिलियन से बढ़ाकर $7 बिलियन तक कर दिया। आज Wipro दुनिया की सबसे बड़ी आईटी सॉफ्टवेयर कंपनीयो में से एक मानी जाती है।
अज़ीम प्रेमजी का जन्म 24 जुलाई 1945 को मुंबई के एक मुस्लिम परिवार में हुआ। इनके पूर्वज Kutch Gujarat के निवासी थे। अज़ीम हाशिम प्रेमजी की एजुकेशन के स्कूलिंग की बात करे तो सेंट मैरी स्कूल मुंबई से हुई। फिर इन्होने यूनिवर्सिटी यूनिवर्सिटी अमेरिका (Stanford University) USA से बैचलर ऑफ साइंस इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिग्री (Bachelor of Science in Electrical Engineering degree) हासिल की।
प्रेमजी के परिवार की बात की जाए तो इनके पिता जी मोहम्मद हाशिम प्रेमजी (Muhammed Hashem Premji) एक फेमस बिजनेसमैन थे और राइस किंग ऑफ बर्मा (Rice King of Burma) के नाम से जाने जाते थे। पार्टीशन के बाद मोहम्मद अली जिन्ना ने उनके पिता को पाकिस्तान आने का न्योता दिया था पर उन्होंने उसे ठुकरा कर भारत में ही रहने का फैसला किया। अज़ीम प्रेमजी ने यास्मीन प्रेमजी (Yasmeen Premji) से शादी की और उनके दो बच्चे हैं – रिषद प्रेमजी और तारिक़ प्रेमजी (Rishad Premji and Tariq Premji) रिषद वर्तमान में विप्रो के आईटी बिज़नेस के मुख्य रणनीति अधिकारी हैं।
अज़ीम प्रेमजी कर्नाटक के बेंगलुरु में अपनी फैमिली के साथ रहते हैं। इनके बिज़नेस की बात की जाए तो 1945 में अजीम प्रेमजी के पिता मोहम्मद हाशिम प्रेमजी ने महाराष्ट्र के जलगांव जिले में वेस्टर्न इंडियन वेजिटेबल प्रोडक्ट लिमिटेड की स्थापना की। वह कंपनी sunflower, वनस्पति और कपड़े धोने के साबुन 787 का निर्माण करती थी। उनके पिता ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अज़ीम प्रेमजी को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका (Stanford University, America) भेजा। पर दुर्भाग्य पूर्ण उनके पिता जी की इसी बीच मौत हो गई। इसलिए अज़ीम प्रेमजी को इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर वापस भारत आना पड़ा। उस समय अज़ीम प्रेमजी की उम्र महज 21 वर्ष थी। भारत वापस आकर उन्होंने कंपनी का सारा कारोबार समभाला और इसका विस्तार दूसरे क्षेत्रों से भी किया।
सन 1980 के दशक में युवा बिजनेसमैन अज़ीम प्रेमजी ने उभरते हुए इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के महत्व और अवसर को पहचाना और कंपनी का नाम बदलकर विप्रो (Wipro) कर दिया। आईबीएम IBM के निष्कासन से देश के आई टी (IT) शेत्र में एक खालीपन आ गया था, जिसका फायदा प्रेम जी ने भरपूर उठाया। उन्होंने अमेरिका के सेंटिनल कंप्यूटर कारपोरेशन (Sentinal Computer Corporation) के साथ मिलकर मिनी कंप्यूटर बनाना शुरू किया। इस तरह उन्होंने साबुन की जगह आईटी क्षेत्र पर कंसंट्रेट करना शुरू किया और इस क्षेत्र में एक reputed कंपनी बनके उभरे।
अज़ीम प्रेमजी जितने बेहतर इंसान है उससे भी बेहतर समाजसेवी भी हैं। अपने समाज सेवा के काम को और बेहतर तरीके से करने के लिए उन्होंने 2001 में अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन (Azim Premji Foundation) की स्थापना की। यह एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन (non-profit organisation) है जिसका मकसद क्वालिटी यूनिवर्सल एजुकेशन (Quality Universal Education) देना जो एक justified, fair, human, sustainable society establish करने में helpful हो। यह फाउंडेशन भारत के लगभग 1300000 सरकारी स्कूलों में प्राइमरी एजुकेशन के क्षेत्र में progress के लिए काम करता है। यह संगठन वर्तमान में कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ ,आंध्र प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश की गवर्नमेंट के साथ मिलकर काम कर रहा है। 2010 में अजीम प्रेमजी ने देश में स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए लगभग $2000000000 दान करने का वचन दिया। भारत में यह सबसे अलग तरह का दान है। कर्नाटक विधानसभा के अधिनियम के तहत अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी (Azim Premji Univerity) भी स्थापित किया गया।
अज़ीम प्रेमजी के नेटवर्थ (Networth of Azim Premji) की बात की जाए तो इनके पास 17.5 Billion डॉलर की networth है। अज़ीम प्रेमजी के कार्स कलेक्शन (Cars Collection) की बात की जाए तो इनके पास फोर्ड एस्कॉर्ट, टोयोटा सिडान, टोयोटा कोरोला, मर्सिडीज़ ई क्लास गाड़ी है।
अज़ीम प्रेमजी के अवार्ड्स और अचीवमेंटस (Awards and Achievements of Azim Premji) की बात की जाए तो प्रेमजी को बिजनेस वीक (Business Week) द्वारा दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती कंपनियों में से एक के रूप में उभरने के लिए “महानतम उद्यमियों” में से एक के रूप में मान्यता दी गई है। वर्ष 2000 में, उन्हें मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (Manipal Academy of Higher Education) द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। वर्ष 2005 में, भारत सरकार ने उन्हें व्यापार और वाणिज्य में उत्कृष्ट कार्य के लिए पद्म भूषण की उपाधि से सम्मानित किया। उन्हें 2011 में भारत सरकार द्वारा देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया। इनके इलावा भी अज़ीम प्रेमजी को बहुत बार अन्य-अन्य कॉलेज, यूनिवर्सिटी, गवर्नमेंट की तरफ से सम्मानित किया गया।
अज़ीम प्रेमजी के कुछ फैक्ट (Interesting Facts Related to Azim Premji) – अज़ीम प्रेमजी भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। अजीम प्रेमजी देश के सबसे बड़े दानवीर हैं। इन्होंने वन ट्रिलियन (1 Trillion) से ज्यादा donate करने का अनाउंस किया। अज़ीम प्रेमजी बहुत ही साधारण जीवन जीते हैं कि इसका पता आपको इस बात से चल जायेगा कि भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति होने के बावजूद वह हवाईजहाज की इकॉनमी क्लास में सफर करते हैं। अज़ीम प्रेमजी खुद को महंगी गाड़ियों से दूर ही रहते हैं। अजीम प्रेमजी अपनी दौलत की नुमाइश नहीं करते।